Wednesday, March 10, 2010

खिलौना टूट गया

खिलौना टूट गया
मैं चुप रहा
खिलौना टूट गया
मैंने कुछ न कहा

माटी का पुतला था
टूट गया तो क्या ?
माटी का पुतला था
हाँथ से छूट गया तो क्या ?

टुकडे कब जुड़ते हैं बोलो
टुकड़ों पे कैसा रोना ?
टुकडे कब जुड़ते हैं बोलो
ये तो था इक दिन होना

कल फिर आयेगा खिलोने वाला
फिर लायेगे खिलोनों का भण्डार
कल फिर आएगा खिलोने वाला
फिर पूरा हो जायेगा मेरा संसार

खिलौना टूट गया
मैं चुप रहा
खिलौना टूट गया
मैं चुप रहा
मैं चुप रहा



...............................
चक्रेश सिंह
८/२/२०१०

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