Monday, March 22, 2010

वो वाली कहानी सुना दो

बाबा वो वाली कहानी सुना दो
राज कुमारी जिसमें रजा से
मांग बैठती है चंदा को
जिसमें राजा के सारी सेना
निकल पड़ती है चाँद लाने
बाबा आगे कुछ कुछ भूल गया मैं
थोड़ा सा तुम याद दिला दो
कैसे राजा ने फिर बिटिया के
नाखून को चाँद बताया था
और कैसे आसमान से चाँद उँगलियों पर लाया था
बाबा ऐसा क्यूँ है बोलो
जो कहानिया बचपन में
मुझको खूब हंसाती थीं
आज सत्य के क्रूर प्रहार पर
मौन धरे रह जाती हैं ...

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ऐसे भी तो दिन आयेंगे

 ऐसे भी तो दिन आयेंगे, बिलकुल तनहा कर जाएँगे रोयेंगे हम गिर जाएँगे, ख़ामोशी में पछतायेंगे याद करेंगे बीती बातें ख़ुशियों के दिन  हँसती रातें...