Tuesday, June 7, 2011

अखबार बेंच कर आया हूँ



अखबार बेंच कर आया हूँ
हथियार बेंच कर आया हूँ
आग उबलती खबरों का मैं
बाज़ार बेंच कर आया हूँ




किसने कैसे कितना खाया
किस मंत्री ने कितना पाया
अगले मुख्य चुनावों का मैं
दावेदार बेंच कर आया हूँ




फ़िल्मी जगत की ताज़ी बातें
IPL की जागी रातें
छोटे-बड़े पूंजीपतियों के
कारोबार बेंच कर आया हूँ




गली मुहल्लों के फर्जी कॉलेज
नन्हों को A+ की knowledge
अधनंगी तस्वीरों का मैं
भण्डार बेंच कर आया हूँ




चालीस पन्नों की चालीसा
स्थान सत्य का छोड़ा खाली सा
Real estates, car-agency, flights के
प्रचार बेंच कर आया हूँ

4 comments:

Dev said...

आज काफी दिनों बाद आपकी रचनाओ पर नज़र डाली तो फिर वही ताजगी भरे भावो से रूबरू हो गया.

shephali said...

achi prastuti hai
humare desh me chal rahi kaarguzari ko sundar tarike se prastut kiya hai

likhte rahiye

रविकर said...

आज आप चर्चा मंच पर हैं ||

रविकर said...

हिन्दी में था निमंत्रण, बिगत बार भी मित्र ||
चर्चा मंच पे आइये, कहाँ गए अन्यत्र ??

http://charchamanch.blogspot.com/

ऐसे भी तो दिन आयेंगे

 ऐसे भी तो दिन आयेंगे, बिलकुल तनहा कर जाएँगे रोयेंगे हम गिर जाएँगे, ख़ामोशी में पछतायेंगे याद करेंगे बीती बातें ख़ुशियों के दिन  हँसती रातें...