एक बहुत ही बड़ी शतरंज की बिसात
इतनी बड़ी और इतने ऊंचे तख़्त पे रखी,
के उसके एक कोने पे खड़ा एक छोटा बच्चा बाकी बाकी बचे तीन कोने देख ही नहीं पाता
अपने असंख्य प्यांदों, हाथी, घोड़े, ऊंटों, वजीरों और राजाओं को कतार में खड़ा देखता रहा
बच्चे ने का मन बना लिया और उचक उचक के बिसात देखने लगा
अपनी तरफ के काले लकड़ी के प्यान्दों को धीरे धीरे आगे बढाने लगा
सामने दूर कहीं - बहुत दूर - बैठा खिलाड़ी अपनी हर चाल पर केवल एक प्यांदा आगे बढाता रहा
बच्चा ये जानते हुए भी अपने कोने के मुहरों में मग्न रहा
देखते देखते एक सफ़ेद प्यांदा - बहुत बड़ा प्यांदा - बच्चे की काले रंग की सेना के सामने आ खड़ा हुआ
फिर एक बहुत बड़ा आदमी आया
बच्चा केवल उसके पैर देख पाया
वो आदमी बच्चे की तरफ से खेलने लगा और उसकी सेना को सुरक्षित करने लगा
बच्चा गुस्से से तमतमा गया
अपने दोनों हाथों की मुठ्ठियाँ कसने लगा
दांत पीसने लगा
और अपने हाथों को बिसात पे ऐसा फेरा के एक झटके में सारे मुहरें ज़मीन पे आ गिरे
काले-सफ़ेद मुहरे
आठ सफ़ेद प्यांदे
आठ काले प्यांदे
एक ही आकार के प्यांदे
और उनके साथ बाकी के सारे मुहरे
खेल समाप्त हो चूका था
बच्चा भीगी आँखों से ज़मीन पे बैठ कर
गिरे हुए सारे मुहरों को
एक डब्बे में रखने लगा
फिर खड़ा बिसात को उठता है
और उसे अपनी कांख में दबा कर जाने जाने लगा
बच्चा रुका, पलटा और उस आदमी से बोला -
मुझे खेलना आता है
तुम खेल नहीं समझे |
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