Saturday, September 21, 2024

उन पे रोना, आँहें भरना, अपनी फ़ितरत ही नही

 उन पे रोना, आँहें भरना, अपनी फ़ितरत ही नहीं…

याद करके, टूट जाने, सी तबीयत ही नहीं 


रोग सा, भर के नसों में, फिल्मी गानों का नशा 

ख़ुद के हाथों, ख़ुद को खोने, जैसी वैहशत ही नहीं


वो नहीं थें, तो भी अपना, जी कहीं लग जाता था 

वो नहीं हैं, सो अब उनकी, हमको चाहत भी नहीं 


उन पे रोना, आँहें भरना, अपनी फ़ितरत ही नहीं…

याद करके, टूट जाने, सी तबीयत ही नहीं 

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