तू किसी शोख़ का सिंगार कर
रख भी दे ये ख़ामोशी उतार कर
तीरगी ये पल में टूट जायेगी
चल दोबारा ज़िन्दगी से प्यार कर
रख भी दे ये ख़ामोशी उतार कर
तीरगी ये पल में टूट जायेगी
चल दोबारा ज़िन्दगी से प्यार कर
एक ही नहीं कई शिकायतें
जानता हूँ ज़ीस्त की हिकायतें
फिर भी मेरा अब तू ऐतबार कर
कह रहा हूँ जो वो मेरे यार कर
तीरगी ये पल में टूट जायेगी
चल दोबारा ज़िन्दगी से प्यार कर
जानता हूँ ज़ीस्त की हिकायतें
फिर भी मेरा अब तू ऐतबार कर
कह रहा हूँ जो वो मेरे यार कर
तीरगी ये पल में टूट जायेगी
चल दोबारा ज़िन्दगी से प्यार कर
~ckh