Saturday, October 24, 2009

मैया मोसे खोई मुरलिया

मैया मोसे खोई मुरलिया
ला दे मोहे नयी मुरलिया
मैया मोसे खोई मुरलिया

जा बैठा जबब यमुना तीरे
चल लागी पवन धीरे धीरे
याद आ गयी धुन वो पुरानी
नांच उठी थी जिसपे राधिका रानी
टूटी थी मैया उस दिन उस्सकी पजनिया
मेह्कन लागी थी जब सुर फुलवरिया
फिसल हाथ से गिरी यमुना जी में मोरी मुरलिया

....
गिरी तोसे जो तोरी मुरलिया
देख तो चल के मोरे लल्ला
यमुना जी ही बनी मुरलिया ...

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मेरे सच्चे शेर

 बड़ा पायाब रिश्ता है मेरा मेरी ही हस्ती से ज़रा सी आँख लग जाये, मैं ख़ुद को भूल जाता हूँ (पायाब: shallow)