
पात पात
पुष्प पुष्प
इक सुगंध उठ रही
शब्द शब्द
सांस सांस
आह है बस वही
स्याह मध्य रात्री
रूप पृष्ठ पर उतर
काव्य काव्य
बन चला
अंश वंश कुछ नहीं
मूक मूक मैं इधर
दहक दहक वो उधर
मचल मचल जल रही
महक महक कह रही
वेद ग्रन्थ
सार सब
धर्म काण्ड
व्यापार सब
झूठ सच खुल रहे
बातचीत कुछ नहीं
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