रब्बा मैनू हीर दिखादे
मैनू प्यार करा दे
मैनू भी कुछ कहना है
इक बार मिलादे
बरसात करादे
मैनू खुल के रोना है
मैनू प्यार करा दे
मैनू भी कुछ कहना है
इक बार मिलादे
बरसात करादे
मैनू खुल के रोना है
अंतिम दिन जीवन के यदि ये
पीर हृदय की रह जाए
के दौड़-धूप में बीत गए पल
प्रियतम से कुछ ना कह पाएँ
बड़ा पायाब रिश्ता है मेरा मेरी ही हस्ती से ज़रा सी आँख लग जाये, मैं ख़ुद को भूल जाता हूँ (पायाब: shallow)
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