आप के पहलू में दिन गुज़र जाता है
मेरा बिखरा सा दिल भी संवर जाता है
कुछ निगाहों में है आप की ऐ हुज़ूर
देख नश्तर जिगर में उतर जाता है
कैसे छोड़े भला अब मैनोशी कोई ?
आप का ज़िक्र है रिंद जिधर जाता है
मेरा बिखरा सा दिल भी संवर जाता है
कुछ निगाहों में है आप की ऐ हुज़ूर
देख नश्तर जिगर में उतर जाता है
कैसे छोड़े भला अब मैनोशी कोई ?
आप का ज़िक्र है रिंद जिधर जाता है
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