Sunday, June 10, 2012

घर

अपनी अपनी किस्मत थी,
अपने अपने फैसले ..
जिंदगी तो बारहां ,
दरवाजे खोलती रही ;

अपनी अपनी चाह थी,
अपनी अपनी राह थी ..
जिंदगी  तो बारहां,
सच ही बोलती रही ;

-ckh-

1 comment:

ANULATA RAJ NAIR said...

very beautiful..............

anu

उन पे रोना, आँहें भरना, अपनी फ़ितरत ही नही

  उन पे रोना, आँहें भरना, अपनी फ़ितरत ही नहीं… याद करके, टूट जाने, सी तबीयत ही नहीं  रोग सा, भर के नसों में, फिल्मी गानों का नशा  ख़ुद के हा...