
अखबार का पहला पृष्ठ
कुछ खबरें
कुछ तसवीरें
कुछ सच
कुछ झूट
पढता चाव से इन्हें समय बीतने के लिए
एक हिन्दू
एक मुसलमान,
और इस बीच ...कहीं अकेले में
रोता बिलखता एक छात्र
तड़पता एक पिता
आत्म-हत्या करता एक किसान
अंतिम दिन जीवन के यदि ये
पीर हृदय की रह जाए
के दौड़-धूप में बीत गए पल
प्रियतम से कुछ ना कह पाएँ
बड़ा पायाब रिश्ता है मेरा मेरी ही हस्ती से ज़रा सी आँख लग जाये, मैं ख़ुद को भूल जाता हूँ (पायाब: shallow) दरख़्तों को शिकायत है के तूफ़ाँ ...
No comments:
Post a Comment