Sunday, April 22, 2012

तौबा ये असरार तुम्हारे


तौबा ये असरार तुम्हारे
पलकों के हथियार तुम्हारे

आँखों के रास्तों पे जा बैठे
दो दो हवलदार तुम्हारे

कासिद के हाथों ही भिजवा दो
शिकवा-फुगाँ-जार तुम्हारे

चंदा के मानिंद हो लेकिन
मुश्किल हैं दीदार तुम्हारे

-ckh-

3 comments:

ANULATA RAJ NAIR said...

वाह...वाह...........

बहुत बढ़िया छोटे बहर की गज़ल बन पड़ी है....दुसरे शेर में हवलदार को थानेदार कर के देखिये ????
मेरे ख्याल में मात्राएँ बराबर हो जायेंगी....
अन्यथा ना लें...
:-)

अनु

chakresh singh said...
This comment has been removed by the author.
chakresh singh said...

anu ji

baat sahi hai aap ki lekin maine gaate samay agar: hatiyaar ko : hat + i + aar = 2121 ki tarah dekhooN to sahi lagta hai...thaanedar kar dene pe arth badal jaayega..is liye maine chheda nahi abhi...

thanks.

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