इक ख्वाहिश थी जनम दिन की रात उसके hostel तक जाता
दांतों में दबा गुलाब pipe से ऊपर चढ़ जाता
उसको इस अंदाज में पहली बार मिल, हाले दिन कह आता
इक गुलाब और इक dairy milk से ज्यादा क्या मैं दे पाता
पर प्यार मेरा होता सच्चा, मेरी आँखों में नज़र उसे भी आता
यूँ शुरू होती अपनी कहानी, मैं भी lover boy कहलाता
पर हाय! मेरी किस्मत ऐसी, जिस कॉलेज से है मेरा नाता
इक भी लड़की का चेहरा दिल को मेरे न लुभा पाता
Katrina सी कोई होती, झट जोड़ लेता मैं नाता
Akshay से कोई कम थोड़ी हूँ, माना है बड़ा उसका (बैंक) खाता
पर ये तो हैं मेरे मन की बातें, नया दौर न मुझसे देखा जाता
SMS का है जमाना, अब कौन इस तरेह darling के हॉस्टल जाता?
मेसेज में happy लिख कर, copy paste करते हैं saved data
भाई यूँ तो सिंगल ही है बढ़िया, कम से कम फ़ोन बिल तो है कम आता
अंतिम दिन जीवन के यदि ये
पीर हृदय की रह जाए
के दौड़-धूप में बीत गए पल
प्रियतम से कुछ ना कह पाएँ
उन पे रोना, आँहें भरना, अपनी फ़ितरत ही नही
उन पे रोना, आँहें भरना, अपनी फ़ितरत ही नहीं… याद करके, टूट जाने, सी तबीयत ही नहीं रोग सा, भर के नसों में, फिल्मी गानों का नशा ख़ुद के हा...
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(Note: Though I am not good at Urdu, its not my mother tounge, but I have made an attempt to translate it. I hope this will convey the gist...
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1 comment:
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